रत्न खरीदना जितना आकर्षक लगता है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है अगर आप असली और नकली रत्नों में फर्क नहीं कर पाएं। आज के दौर में मार्केट में सिंथेटिक और डुप्लिकेट रत्नों की भरमार है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी हो गया है कि असली रत्न की पहचान कैसे की जाए।
इस ब्लॉग में हम आपको 2025 की नई गाइड के अनुसार आसान और असरदार तरीके बताएंगे जिससे आप नकली और असली रत्न में फर्क कर सकें।
1. प्राकृतिक और लैब में बने रत्न में फर्क
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प्राकृतिक रत्न (Natural Gemstones): ये धरती के गर्भ में हजारों साल में बनते हैं। इनमें अक्सर छोटे-छोटे इंक्लूज़न (धब्बे या फाइबर) होते हैं।
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लैब-क्रिएटेड या नकली रत्न (Synthetic/Fake Stones): ये दिखने में बहुत चमकदार और एकदम परफेक्ट लगते हैं, लेकिन ये मशीन से बनाए जाते हैं और इनमें नेचुरल इंपर्फेक्शन नहीं होते।
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टिप: अगर कोई रत्न बहुत ज़्यादा चमकदार और एक जैसा दिखे तो वो नकली हो सकता है।
2. माइक्रोस्कोप टेस्ट से करें जांच
एक जेमोलॉजिस्ट माइक्रोस्कोप की मदद से रत्न के अंदर की संरचना को देखता है।
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असली रत्न में छोटे इंक्लूज़न, क्रैक या नेचुरल लाइन्स होती हैं।
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नकली रत्न बिल्कुल क्लीन या बबल्स से भरे होते हैं, जो नकलीपन की निशानी है।
3. हीट टेस्ट – असली रत्न गर्मी सह लेता है
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असली रत्न को थोड़ी गर्मी से कोई फर्क नहीं पड़ता।
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नकली रत्नों में रंग हल्का पड़ सकता है या दरारें आ सकती हैं।
टिप: कभी भी खुद हीट टेस्ट न करें, किसी एक्सपर्ट से कराएं।
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4. वज़न और कठोरता की जांच
हर रत्न का एक तय हार्डनेस स्कोर होता है जिसे Mohs Scale कहते हैं।
रत्न |
कठोरता (Mohs) |
हीरा |
10 |
नीलम |
9 |
मूंगा |
3.5–4 |
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नकली रत्न अक्सर हल्के या बहुत सॉफ्ट होते हैं और जल्दी स्क्रैच हो जाते हैं।
5. सर्टिफिकेट जरूरी है!
2025 में कोई भी रत्न खरीदते समय IGI, GIA, या BIS हॉलमार्क जैसी मान्य संस्था से प्रमाणित रत्न ही खरीदें।
टिप: ऑनलाइन या ऑफलाइन, बिना सर्टिफिकेट के रत्न लेने से बचें।
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6. खुद से देखने पर ध्यान देने योग्य बातें"
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असली रत्न में रंग गहराई लिए होता है, पर एक समान नहीं।
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नकली रत्न अक्सर कांच जैसे चमकते हैं और रंग में अत्यधिक एकरूपता होती है।
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असली रत्न ठंडे महसूस होते हैं, जबकि नकली थोड़े गरम या प्लास्टिक जैसे।
7. इनसे सावधान रहें:
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कांच से बने नकली रत्न
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डाई किए गए रत्न (रंग चढ़ाया हुआ)
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डबलट/ट्रिपल रत्न (तीन परतों में बना हुआ नकली पत्थर)
निष्कर्ष:-
2025 में जब आप रत्न खरीदने जाएं तो सिर्फ रंग या चमक देखकर निर्णय न लें। सही पहचान, सर्टिफिकेशन, और जेमोलॉजिस्ट की सलाह ही आपको असली रत्न तक पहुंचा सकती है।
असली रत्न सिर्फ आपके भाग्य को नहीं बदलता, बल्कि आपकी सोच को भी चमका देता है।