कैसे करे मद्महेश्वर की यात्रा (How to reach Madmaheshwar temple)
आज में आपको ले चलता हू मद्महेश्वर की उन पहाडिओ में जहा भगवन शिव केदार स्वरुप में स्वयं विराजमान है , जहाँ की अलौकिकता , सारे जहाँ से अलग है , केदारनाथ तो आप सभी के जाने का सपना होगा लेकिन शिव भक्त मद्महेश्वर के दर्शन पा कर भी खुद को संतुस्ट कर लेते है जो सारे जहाँ में शिव को ढूंढ़ते है उनके लिए कोई भी शिवलोक किसी स्वर्ग से काम नहीं होता , अभी कुछ दिन पहले मैंने द्वितीय केदार मद्महेश्वर की यात्रा की, कुछ तक़लीफ़े आयी लेकिन भगवान शिव से मिलने की लालसा सारी तकलीफो को छिन्न भिन्न करती रही , उनसे मिलने की तो अनुभूति से आँखों में चमक ले आती , तो इसी अनुभूति को पाने के लिए में निकल पड़ा अपने घर से मद्महेश्वर के लिए , मद्महेश्वर आने के लिए हम सभी को उत्तराखंड के श्रीनगर तक आना पड़ता है , जहाँ से आपको बस सेवाएं हर जगह के लिए मिल जाती है तो में भी श्रीनगर तक आया और वहां से रुद्रप्रयाग की बस पकड़ी क्युकी हमे माँ अलकनंदा और मन्दाकिनी के संगम पर डुबकी लगा पर पवित्र होना था ताकि आगे की यात्रा सुलभ तरीके से हो पाए , डुबकी लगा कर मैंने खाना खाया और उखीमठ तक टैक्सी पकड़ी , क्युकी उखीमठ से ही आपको आगे का सफर तय करना है शाम को ४ बजे मैं उखीमठ पहुंचा तो पता चला रांसी गांव तक मुझे जाना है तो मैंने रांसी गांव के लिए टैक्सी का इंतज़ार किया, टैक्सी भी थोड़ा देर में चली क्यों वहां तक जाने के लिए ज्यादा सवारिया नहीं मिलती , तो जब आखिरकार हम वहां से निकले तो बारिश शुरू हुई
इसे भी पढ़े
धारी देवी का इतिहास व् मान्यताये
इन्सान को कैसे मिला एक देवता का स्थान
जिसकी वजह से जो रास्ता था काफी डरावना हो गया क्युकी आधे रस्ते टूटे हुए थे, आधे रस्ते मिटटी के, तो रस्ते में चलते चलते ड्राइवर साहब से मेरी बात हुई तो उन्होंने बताया की अब रोड का प्रोजेक्ट आया है तो कुछ सालो में रोड बनकर तैयार भी ही जाएगी क्युकी अब श्रद्धालु मद्महेश्वर की यात्रा में ज्यादा आने लगे है , फिर उन्होंने कहा रांसी में रुकना ही है तो उनका ही होम स्टे है वही रुक सकते हो , किराया पूछा तो उन्हों कहा चलो आपसे 600 ले लेंगे क्युकी आपसे बात चीत करके अच्छा लगा तो हम भी ख़ुश हुए की सस्ते में काम निपट गया ,
How to reach Madmaheshwar Temple
उखीमठ से करीब 25 किलोमीटर का सफर तय कर हम रांसी गांव पहुंचे और सीधा उनके होम स्टे में चले गए जहा शाम की अदरक वाली चाय पी और प्रकृति को निहारा, फिर अगले दिन मद्महेश्वर जाने के लिए पूछताछ करने लगे तो पता चला आगतोली धार से सफर की शुरुआत है और आगतोली धार तक सुबह कभी गाड़िया जाती है कभी नहीं तो लगभग हमको अगर गाड़ी न मिलती तो 18 किलोमीटर चलना पड़ता , खैर हमको शाम का खाना दिया गया जो बेहद स्वादिस्ट था , गरम रोटी , दाल , हरी सब्जी ,चावल और अचार पापड़ था ऐसा खाना यात्रा के दौरान काम ही मिलता है , तो उनके लिए दिल से दुआए निकली।
Madmaheshwar Temple trek info
अगली सुबह आकर उन्होंने हमे जगाया और कहा में नीचे तक जा रहा हू तुमको छोड़ दूंगा तो हम भी फटफट से तैयार हुए क्युकू हमारा 4 किलोमीटर बच रहा था , सुबह 7 बजे तक हम आगतोलीधार पहुंचे जहाँ हमने चाय पी और मैगी खा ली ताकि पता नहीं कब खाने की दुकान मिले तो थोड़ा बहोत खा लिया। वहां से 4 किलोमीटर गोंडार गांव तक नीचे जाना था तो बस फिर क्या शिव का नाम लेके हमने यात्रा शुरू कर दी , रस्ते में चलते चलते हमे खूबसूरत झरने , मधुगंगा नदी और खूबसूरत पहाड़िया और रस्ते दिखे जिसे देख कर लगा मनो शिव के असली घर तक बस पहुँच ही गए , 4 किलोमीटर का सफ़र तय कर में गोंडर तक आ गया जहाँ फिर से भूक लगी तो मैगी खा ली क्युकी खाना वहां डिमांड में ही बनता है जिसके लिए 1 घंटा इंतज़ार
इसे भी पढ़े
यहाँ रुकी थी भगवान शिव की बारात
करना पड़ता और वक़्त की बेहद कमी थी तो मैगी खा कर में आगे की तरफ चलता बना , थोड़ी ही दूर आ कर बांतोली धार आया जहाँ मधुगंगा और मोरकांठा नदी का संगम देखा जिसे देख कर मन प्रसन्न हो गया , अब बारी थी असली सफर की जिसमे हमें कड़ी चढाई करनी थी पर में भी खा रुकने वाले था , jakate को कमर में कैसा और शिव नाम जप कर चढाई करनी शुरू की , रस्ते में मनोरम नज़ारे , ऊँची ऊँची पहाड़ियों से गुफ्तगू करते हुए आखिर कर 4 बजे में महमहेश्वर धाम पहुँच ही गया , पहुँचते ही बारिश शुरू हो गयी तो हमें जो पहला ढाबा दिखा वहां चाय पीने रुक गए , चाय पीते पीते उनसे दोस्ती हो गयी तब उन्होंने पूछा की रुके कहाँ हो तो मैंने कहा अभी ढूंढूंगा बारिश रुकने के बाद तो उन्होंने खा यही रुक जाओ मुझे वही अच्छा लगा तो में वही रुक गया , , 1 कमरे का हज़ार रूपए दिया और वही अपना डेरा डाल लिया , अब इतनी बारिश शुरू हो गयी थी की कही और जा कर पूछने की हिम्मत भी नहीं रही
No Light in Madmaheshwar Temple
यहाँ दिन के वक़्त लाइट नहीं रहती , और नेटवर्क तो बिलकुल नहीं आते , लाइट केवल रात को जलती है ताकि अँधेरे से निबटा जा सके , इसीलिए शिव का यह धाम अभी तक पवित्र है क्युकी यहाँ नेटवर्क नहीं है इसीलिए लोग अपने मोबाइल को हटाकर शिव भक्ति में लीं रहते है , शाम को हलकी बारिश रुकी तो हमने सबसे पहले गेट पर अपने डेरा जमा लिया ताकि आरती के वक़्त भगवन मद्महेश्वर के करीब से दर्शन पा ले , और यह सफल भी रहा , आरती के वक़्त शिवलिंग को निहारते रहने का सौभाग्य मिला और आंख से आंसू बहने लगे , बस फिर क्या - मन आरती में लीं हो गया और कब आरती खतम हुई पता भी नहीं चला।
इसे भी पढ़े
रुद्राक्ष पहनने के 5 बड़े फायदे
आरती के बाद पंडित जी ने कथा सुनाई मद्महेश्वर धाम की जिसे सुनकर मन प्रसन्न हो गया , फिर सभी लोग अपने अपने होटल की तरफ चले गए , रात को चूल्हे की गरम रोटी दाल चावल खाने को मिला जो ऐसे ट्रेक्स में मिल जाये तो जन्नत का अनुभव होता है , बिलकुल सिंपल और स्वादिस्ट , और फिर रात को अपनी थकान को गहरी नींद के साथ मिटाया
अगले दिन बुड़ा मद्महेश्वर (Buda Mahmaheshwar)
रात तक का सफर तो काफी अच्छा रहा सुबह 6 बजे नींद खुली तब बारिश रुकी हुई थी और सबने कहा था बुड़ा मद्महेश्वर जरूर जाना क्युकी वहां से बहोत सुन्दर नज़ारे दिखते है, तो हम सीधा मु हाथ धो कर बुड़ा मद्महेश्वर के लिए निकल गए , 1 किलोमीटर का सफर था लेकिन लगा 22 किलोमीटर है इतनी थकान तो रांसी से मद्महेश्वर आने में नहीं लगी जितना इस १ किलोमीटर में लग गयी , पर हम जैसे वहां पहुंचे तो अद्भुद ही नज़ारा था, ३६० डिग्री का हिमालयन व्यू ,
छोटी छोटी झीले बुड़ा मद्महेश्वर का मंदिर और बुग्याल मनो किसी दूसरे देश में आ गए हो , जिसकी सुंदरता अभी तक रील्स प्रेमियों से छुपी हुई है अगर उनकी नज़र पड़ जाये यहाँ तो मद्महेश्वर को भी टूरिस्ट स्पॉट बना दे । लेकिन ये सुंदरता को कुछ कमरे में कैद किया और 1 घंटे उन्ही नजरो को निहारते रहे , फिर वापस होटल आये, नहाये , आरती की की , फिर नाश्ता किया और वापस 9 बजे तक रांसी के लिए निकल गए ।
आप भी मद्महेश्वर भगवन शिव को महसूस करने जरूर आइयेगा
158 comments
Нужно собрать информацию о пользователе? Наш сервис предоставит детальный отчет в режиме реального времени .
Воспользуйтесь уникальные алгоритмы для поиска цифровых следов в соцсетях .
Выясните место работы или интересы через систему мониторинга с верификацией результатов.
сервис глаз бога
Бот работает с соблюдением GDPR, используя только общедоступную информацию.
Закажите расширенный отчет с историей аккаунтов и списком связей.
Доверьтесь проверенному решению для исследований — результаты вас удивят !
Часы оснащены вращающийся безель , Triplock-заводную головку, обеспечивающие герметичность даже в экстремальных условиях.
Дизайн включает хромалитовый циферблат , стальной корпус Oystersteel, подчеркивающие функциональность .
rolex-submariner-shop.ru
Автоподзавод до 70 часов сочетается с перманентной работой, что делает их надежным спутником для активного образа жизни.
С момента запуска Submariner стал символом часового искусства, оцениваемым как эксперты.
Узнайте место работы или интересы через автоматизированный скан с гарантией точности .
глаз бога по номеру телефона
Бот работает с соблюдением GDPR, обрабатывая открытые данные .
Закажите расширенный отчет с геолокационными метками и графиками активности .
Доверьтесь проверенному решению для исследований — результаты вас удивят !
Rolex Submariner, выпущенная в 1954 году стала первыми водонепроницаемыми часами , выдерживающими глубину до 330 футов.
Модель имеет 60-минутную шкалу, Triplock-заводную головку, обеспечивающие безопасность даже в экстремальных условиях.
Конструкция включает хромалитовый циферблат , стальной корпус Oystersteel, подчеркивающие функциональность .
rolex-submariner-shop.ru
Механизм с запасом хода до 3 суток сочетается с перманентной работой, что делает их надежным спутником для активного образа жизни.
С момента запуска Submariner стал эталоном дайверских часов , оцениваемым как коллекционеры .
Нужно собрать данные о человеке ? Этот бот поможет детальный отчет мгновенно.
Воспользуйтесь продвинутые инструменты для анализа публичных записей в соцсетях .
Узнайте контактные данные или интересы через автоматизированный скан с гарантией точности .
глаз бога поиск людей
Система функционирует в рамках закона , обрабатывая открытые данные .
Получите детализированную выжимку с историей аккаунтов и списком связей.
Попробуйте надежному помощнику для digital-расследований — точность гарантирована!