नवग्रह और समय का संबंध – क्यों हर व्यक्ति को पहननी चाहिए नवग्रह घड़ी?

नवग्रह और समय का संबंध – क्यों हर व्यक्ति को पहननी चाहिए नवग्रह घड़ी?

भारत की प्राचीन ज्योतिष विद्या सिर्फ भविष्यवाणी तक सीमित नहीं थी, बल्कि समय और ऊर्जा की समझ में भी अद्वितीय थी। हमारे ऋषि-मुनियों ने समय को केवल घड़ी की सुइयों तक नहीं बाँधा, बल्कि उसे नवग्रहों की चाल और प्रभाव से जोड़ा। यही सिद्धांत आज फिर से चर्चा में है – नवग्रह घड़ी के माध्यम से। आइए समझते हैं कि नवग्रह और समय का क्या संबंध है और क्यों हर व्यक्ति को नवग्रह घड़ी पहननी चाहिए।

 क्या है नवग्रह और उनका समय से संबंध?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह – सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु – प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग समय में प्रभाव डालते हैं। हर दिन, हर घंटे और हर क्षण कोई न कोई ग्रह सक्रिय होता है जिसे होरा कहा जाता है। उदाहरण के लिए:

  • सोमवार को चंद्रमा की होरा अधिक प्रभावशाली होती है।

  • मंगलवार को मंगल,

  • शनिवार को शनि, आदि।

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हर ग्रह की ऊर्जा हमारे मन, शरीर, निर्णय और भाग्य को प्रभावित करती है। यदि आप उस समय सही ग्रह की अनुकूल ऊर्जा से जुड़ जाते हैं, तो सफलता, स्वास्थ्य और शांति तीनों संभव होती है।

 नवग्रह घड़ी क्या है?

नवग्रह घड़ी एक विशेष ज्योतिषीय तकनीक पर आधारित घड़ी होती है जो दिनभर के हर घंटे में सक्रिय ग्रह को दर्शाती है। यह आपको बताती है कि अभी कौन-सा ग्रह प्रभावी है और उस ग्रह की ऊर्जा का कैसे सदुपयोग किया जाए।

कुछ नवग्रह घड़ियों में तो स्मार्ट अलर्ट्स भी होते हैं – जैसे किस समय पूजा करें, कब कोई महत्वपूर्ण निर्णय लें, या कब यात्रा से बचें।

 प्राचीन भारतीय समय-ऊर्जा सिद्धांत क्या कहते हैं?

भारतीय संस्कृति में समय को "काल" कहा गया है – जो स्वयं एक जीवंत शक्ति है।

  • "कालचक्र" के अनुसार, समय चक्रीय है – और इसमें ग्रहों की चाल अहम भूमिका निभाती है।

  • किसी भी कार्य की सफलता उस समय पर निर्भर करती है जब वह किया जा रहा हो।  

इसलिए हमारे पूर्वज सूर्योदय, सूर्यास्त और मुहूर्त का ध्यान रखते थे। और आज उसी परंपरा को आधुनिक रूप दे रही है – नवग्रह घड़ी

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हर व्यक्ति को क्यों पहननी चाहिए नवग्रह घड़ी?

  1. सही निर्णय लेने में मदद:
     अगर आपको पता है कि अभी बुध की होरा है – तो यह समय बातचीत, बिज़नेस या मीटिंग के लिए श्रेष्ठ हो सकता है।

  2. ग्रह दोषों से बचाव:
     अगर आपकी कुंडली में कोई ग्रह अशुभ है, तो उसकी होरा में सावधानी रखकर नुकसान से बचा जा सकता है।

  3. ऊर्जा संतुलन:
     नवग्रह घड़ी आपको जागरूक करती है कि कौन-से ग्रह की ऊर्जा सक्रिय है – ताकि आप मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार रह सकें।

  4. दिनचर्या में सकारात्मकता:
     यह आपको अपने दैनिक जीवन में अनुशासन और चेतना की भावना देती है।

  5. ज्योतिषीय उपायों का सही समय:
     मंत्र जाप, यंत्र पूजन, रत्न धारण – इन सबका प्रभाव तभी बढ़ता है जब वे सही ग्रह की होरा में किए जाएं।

 नवग्रह घड़ी – आधुनिक जीवन के लिए प्राचीन समाधान

आज की दौड़ती-भागती ज़िन्दगी में हर कोई चाहता है सफलता, शांति और सुरक्षा। नवग्रह घड़ी एक ऐसा साधन है जो आपको हर क्षण ग्रहों की ऊर्जा के साथ जोड़ता है। यह न सिर्फ एक घड़ी है, बल्कि एक ज्योतिषीय गाइड है, जो आपके जीवन को सही दिशा दे सकता है।

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नवग्रह घड़ी कब पहनें और कैसे उपयोग करें?

  • सुबह स्नान के बाद, शुद्ध मन से घड़ी पहनें।

  • हर दिन के ग्रह को पहचानें और उसी अनुसार अपना कार्य व्यवस्थित करें।

  • किसी भी विशेष कार्य से पहले, संबंधित ग्रह की स्थिति नवग्रह घड़ी से देखकर तय करें।   

निष्कर्ष: समय से पहले चेत जाओ – क्योंकि समय ही सबसे बड़ा गुरु है!

जिनके पास सही समय की समझ होती है, वे जीवन में कभी हारते नहीं। नवग्रह घड़ी आपको समय का सार समझने में मदद करती है – ताकि आप जीवन की हर चुनौती को ज्योतिषीय मार्गदर्शन से पार कर सकें।

तो आज ही नवग्रह घड़ी अपनाइए और अपने समय को शुभ बनाइए! 

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