वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सुख-शांति के उपाय
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली है जो घर के निर्माण और व्यवस्था में संतुलन, ऊर्जा और सकारात्मकता को बढ़ावा देती है। जब घर में लड़ाई-झगड़ा, तनाव या मानसिक अशांति बढ़ जाती है, तो यह अक्सर नकारात्मक ऊर्जा का संकेत होता है। वास्तु के अनुसार कुछ उपाय अपनाकर घर में सुख-शांति और आपसी तालमेल को बेहतर बनाया जा सकता है।
यहाँ कुछ प्रभावी और व्यावहारिक उपाय दिए गए हैं
1. मुख्य द्वार की दिशा और स्वच्छता
घर का मुख्य द्वार ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। इसे हमेशा साफ और सुसज्जित रखें। दरवाजे पर टूटा हुआ नामपट्ट या दरारें न हों। मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीक जैसे स्वास्तिक या मंगल कलश लगाना सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
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2. पूजा स्थल की स्थिति
घर में पूजा का स्थान पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह दिशा आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति के लिए अनुकूल मानी जाती है। रोजाना दीपक जलाकर प्रार्थना करना, विशेष रूप से सुबह और शाम के समय, वातावरण को शांतिपूर्ण बनाता है।
3. रसोईघर का स्थान और व्यवस्था
रसोईघर में अग्नि तत्व होता है, इसलिए इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में बनवाना श्रेष्ठ माना जाता है। रसोई में झगड़े से जुड़ी ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है यदि चूल्हे के सामने आईना हो या घर का उत्तर-पूर्व कोना गंदा पड़ा हो। खाना बनाते समय मन में शुभ विचार रखने चाहिए।
4. बेडरूम में सावधानी
पति-पत्नी के बीच मतभेद दूर करने के लिए बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। बेडरूम में किसी भी प्रकार का दर्पण बिस्तर के सामने न हो, यह मानसिक तनाव बढ़ाता है। बिस्तर के नीचे सामान रखने से ऊर्जा का प्रवाह रुकता है, इसलिए नीचे खाली स्थान रखें।
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5. नीले और हरे रंग का प्रयोग
घर में नीला और हल्का हरा रंग मानसिक शांति प्रदान करता है। ड्राइंग रूम या बेडरूम की दीवारों पर ऐसे रंगों का प्रयोग करने से गुस्सा और टकराव की प्रवृत्ति में कमी आती है।
6. नकारात्मक वस्तुएं हटाएं
घर में टूटे हुए बर्तन, घड़ी, बंद घड़ियां, टूटी मूर्तियाँ या मृत पशु-पक्षियों की तस्वीरें तनाव और कलह को बढ़ावा देती हैं। ऐसी वस्तुओं को तुरंत हटा देना चाहिए।
7. संगीत और मंत्रों का प्रभाव
सुबह घर में शंखनाद या शांतिप्रदायक संगीत चलाना मानसिक संतुलन को बढ़ाता है। "ॐ शांतिः शांतिः शांतिः" जैसे मंत्रों का उच्चारण घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है।
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8. जल तत्व का उपयोग
उत्तर-पूर्व दिशा में जल का स्रोत (जैसे छोटा फव्वारा, पानी का पात्र या एक्वेरियम) रखने से शांति और सौहार्द्र की भावना बढ़ती है। ध्यान रहे कि पानी साफ और गतिशील होना चाहिए।
9. तुलसी का पौधा और साफ-सफाई
घर के आंगन में तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। प्रतिदिन इसकी पूजा और जल अर्पण करने से सकारात्मकता बढ़ती है। घर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना भी मानसिक तनाव कम करता है।
10. परिवार के फोटो
परिवार की हँसते हुए फोटो दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाएं। इससे आपसी संबंधों में मधुरता बनी रहती है और रिश्तों में मजबूती आती है।
निष्कर्ष :-
घर एक ऐसा स्थान है जहाँ शांति, प्रेम और सामंजस्य का वास होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के यह उपाय केवल भौतिक स्थान की व्यवस्था नहीं करते, बल्कि हमारे मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी प्रभावित करते हैं। इन सरल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले उपायों को अपनाकर हम घर में लड़ाई-झगड़े को कम कर सकते हैं और सुख-शांति को बढ़ा सकते हैं।
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